EEG Test in Hindi: कैसे होता है, उपयोगिता, खर्च और साइड इफेक्ट्स

आपने शायद कुछ लोगों द्वारा सुना होगा कि उन्होंने ईईजी टेस्ट करवाया है। लेकिन आपको यह समझ नहीं आया होगा कि यह टेस्ट क्या होता है और इसे किसी विशेष उद्देश्य के लिए क्यों अंजाम दिया जाता है। इस लेख में, हम आपको ईईजी टेस्ट के बारे में सब कुछ बताएँगे, जो आपको यह समझने में मदद करेगा कि यह टेस्ट क्या है, क्यों यह किया जाता है, और इस टेस्ट के क्या स्लाइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।

ईईजी टेस्ट क्या है?

ईईजी का पूर्ण रूप है “Electroencephalography”, जो एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें चिकित्सक आपके मस्तिष्क की गतिविधियों को मापने के लिए इस्तेमाल करते हैं। यह टेस्ट आपके मस्तिष्क से निकलने वाले विभिन्न तरल पदार्थों को मापता है जो आपके मस्तिष्क में उत्पन्न होते हैं। चिकित्सक एक इलेक्ट्रोड सेट का उपयोग करते हैं जो आपके मस्तिष्क की गतिविधियों को मापता है और इससे एक टेस्ट रिपोर्ट तैयार की जाती है।

ईईजी टेस्ट से क्या पता चलता है?

ईईजी टेस्ट आपके चिकित्सक को आपके मस्तिष्क की गतिविधियों के बारे में जानकारी देता है जो कि कुछ बीमारियों का संकेत हो सकते हैं। कुछ सामान्य बीमारियों का संकेत निम्नलिखित हो सकता है:

  • मस्तिष्क संक्रमण
  • अवसाद
  • अल्जाइमर का रोग
  • बचपन में हो रही उपचार योग्य अपवाद
  • मस्तिष्क के एक अंग में कमजोरिया
  • एपीई, अर्थात अनियमित गतिविधि के साथ एक नहीं, कई मस्तिष्क की गतिविधियों में

इनपर अधिक बड़ी मस्तिष्क संबंधी समस्याओं में, जैसे पीड़ाशीलता, उच्च रक्तचाप, तनाव अथवा संज्ञानात्मक विकार (neurological disorders) इस टेस्ट से पता लगाया जा सकता है।

ईईजी टेस्ट क्यों किया जाता है?

चिकित्सक द्रव्यमान-प्रतिदर्शन-दृश्यता (sensory-perceptual) बंधानों के कारण, एपीई एवं अन्य न्यूरोलॉजिक मुद्दों के लिए एफएमआई (Functional Magnetic Resonance Imaging) या कंप्यूटर टोमोग्राफी (CT) के समान ही ईईजी टेस्ट किया जाता है। बच्चों एवं दुर्बल लोगों में असामान्य ऐसी ईईजी गतिविधियां होती हैं जो कॉममॉन नहीं हैं। इसलिए, इस टेस्ट का उपयोग इन विशेष वर्गों की जांचों के लिए भी किया जाता है।

ईईजी टेस्ट कैसे होता है?

इस टेस्ट के लिए, चिकित्सक आपकी स्कूल्प्टर या सूत्रित विशेषता का उपयोग करके आपकी एक सीरीज ऑफ इलेक्ट्रोड्स प्रत्येक मस्तिष्क से बांध देते हैं। जब